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Friday, March 19, 2010

मुझे पसंद नहीं,


मुझे पसंद नहीं.
कोई मेरे प्यार को तोले ,
मुझे पसंद नहीं,
कोई मुझे झुठा बोले,
मुझे पसंद नहीं.
मैं अकेला ही जी लुंगा ,
तेरी यादों के  सहारे,
सपने की दुनिया में ही सही,
तेरे झुठे वायदों के सहारे.
पर युं ना मुझे सताया करो
हर वक्त रुलाया ना करो.
मैनें क्या खता कर दी,
तुमसे प्यार करके,
अपने दिल की बातों का,
तुमसे इज़हार करके.
मैनें तो नहीं कहा कि ,
तुम भी मुझसे प्यार करो.
जागती आँखों से कभी,
मेरा इन्तेजार करो.
पर मुझे मत रोकना,
मैं बहुत आगे जा चुका हूँ,
तेरे यादों को दिल के में बसा चुका हूँ,
कोशिश भी मत करना
इन यादों को छिनने की,
वरना डर जाओगी ,
जब बात होगी,
मेरे आँसुओं को गिनने की.

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