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Monday, November 21, 2011

सिर्फ़ तुम्हारे लिए


मैने कभी ये नहीं सोचा कि जिन्दगी कभी ऐसी हो जाती है किसी के बिना,
मेरा मतलब ये नहीं कि मैं तुम्हारे बिना बहुत खुश हूँ.
और ये भी नहीं कि बहुत दुखी हूँ.
तुम्हारे साथ होने य ना होने का मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है.
मेरी जिन्दगी में तुम्हारा आना या जाना, शायद कोई इत्फ़ाक हो पर मैं हमेशा तुम्हें याद करता हूँ एक अच्छे दोस्त के रुप में एक हमसफ़र के रूप में, हाँ ये बात और है कि मैंने तुम्हें बीच मझदार में शायद छोड़ दिया.
पर मैं कितना सही हूँ कि कितना गलत हूँ मै नहीं जानता हूँ , बस इतना जरुर कह सकता हूँ कि प्यार यदि इस दुनिया मे होता होगा तो शायद कुछ इसी तरह का होता होगा. मै उन पलों नहीं भूल सकता हूँ  जो तुम्हारे साथ गुजारा हूँ. जिन्दगी में  पहली बार किसी के लिये कुछ करना किसी के लिये रोना, हँसना इतना अच्छा लगा.
मैं नहीं जानता कि तुम्हारे बिना क्या होगा मेरा. मैं ये भी नहीं जानता कि तुम मुझसे प्यार करती थी या नहीं.
शायद हाँ भी हो सकता है और न भी. मैनें शायद तुमसे बहुत सारे झूठ बोले होंगे पर हर वो झूठ तुम्हे प्यार करने के लिये ही था..