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Friday, April 30, 2010

दोस्त! आप बहुत जरुरी हैं,

दोस्त! आप बहुत जरुरी हैं,
बिना आपके ये जिन्दगी अधुरी है,
पर क्या करें ?
दिल की कुछ मजबूरी थी.

जो आता है बक देता हुँ
तुमपे इतना हक देता हूं,
अपने हो इसी लिये तो,
दिल की बातें रख देता हूँ.

अभी दिमाग की लाचारी है,
दिल भी शाला व्याभिचारी है.
दोस्ती कुछ पल की बात नही होती,
चन्द पल की मुलाकात में नहीं होती.
पर अब मुझे माफ़ कर देना,
और गंगा जल से,
मेरे पापों को साफ़ कर देना.
य़किन है दोस्त कि तुम माफ़ कर दोगे,
फिर से मुझसे दोस्ती करने का पाप कर दोगे.


Plz maaf kar do.






Tuesday, April 27, 2010

प्यार बढा हसीन होता है.

 कहते है लोग कि
प्यार बढा हसीन होता है,
अपने लिये नहीं गैरो के लिये
भी रोता है
कभी कोई किसी की बाँहों में सोता है
सोचो तो वो कोई अपना होता है,
नही न! तो फिर प्यार कैसे नहीं होता है.
होता है करके देखो, मैने तो बहुत किया है,
पर अफ़सोस कि तुम इसे समझ न पायी.

Monday, April 12, 2010

काश तुम मेरे प्यार को कभी समझ पाओ.

मैंने कभी नही चाहा था,
प्यार को ऐसे निभाना.
मैंने कभी नही चाहा था,
तुम पे हक जमाना.
पर क्या हुआ था मुझे,
तुम्हारा प्यार था जो मुझसे
ऐसा करवाया,
या मेरी वासना थी ,
जो बाहर निकलके आया.
हाँ तुम  भी  तो मौजूद थी,
फिर क्यों इतने करीब थी.
मैं बस तुम्हे मुस्कुराता,
देखना चहाता था.
पर क्या हो गया था मुझे,
इसका गम नहीं,
तुमने भी तो साथ दिया था ,
क्या ये कम नहीं.
दुख इस बात का नहीं ,
कि मैंने तुमसे प्यार किया.
दुख इस बात का है तुमने,
तुमने प्यार को क्या कह दिया.
अपनी जरुरत, मेरी भूख.
काश तुम मेरे प्यार को,
कभी समझ पाओ.

Thursday, April 1, 2010

अकेलेपन

माना कि जिन्दगी के रास्ते अकेले चलोगे तुम,
अकेले हँसोगे तुम अकेले रोऒगे तुम,
पर इस अकेलेपन में कितना है मज़ा,
मुझे पता नहीं ,
पर लोग तो कहते हैं कि,
यह अकेलापन ही तो है ,
इस दुनिया का सबसे बडा सजा.
मैं भी चहाता हुँ अकेला जीना,
पर बस किसी कि यादों में,
अपने गम के आँसुओ को पीना.
बस उन आँसुओ के लिये कुछ झुठे वयादे दे दो,
कुछ तो सिख लुँगा, जिन्दगी तुमसे भी जीना.