Search This Blog

Pages

Powered By Blogger

Thursday, July 29, 2010

कुछ इस तरह


सोचता हूँ जिन्दगी जी लूँ कुछ इस तरह,
कि हर एक दिन लगे कि जी रहा हूँ जिन्दगी कुछ इस तरह,
कि कोइ मिल जाये कुछ इस तरह,
जिसे अपना बना लूँ कुछ इस तरह,
सपनें सजा लूँ कुछ इस तरह,
जिसके लिये खो दूँ मैं सबकुछ कुछ इस तरह,
रो दूँ हर एक आँसू कुछ इस तरह,

पर कोई मिलती नहीं है कुछ इस तरह,
जो मुस्कुराये बस मेरे पास होने से कुछ इस तरह,
कि सारी दुनिया हूँ मैं उसके लिये कुछ इस तरह.

No comments:

Post a Comment