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Friday, April 30, 2010

दोस्त! आप बहुत जरुरी हैं,

दोस्त! आप बहुत जरुरी हैं,
बिना आपके ये जिन्दगी अधुरी है,
पर क्या करें ?
दिल की कुछ मजबूरी थी.

जो आता है बक देता हुँ
तुमपे इतना हक देता हूं,
अपने हो इसी लिये तो,
दिल की बातें रख देता हूँ.

अभी दिमाग की लाचारी है,
दिल भी शाला व्याभिचारी है.
दोस्ती कुछ पल की बात नही होती,
चन्द पल की मुलाकात में नहीं होती.
पर अब मुझे माफ़ कर देना,
और गंगा जल से,
मेरे पापों को साफ़ कर देना.
य़किन है दोस्त कि तुम माफ़ कर दोगे,
फिर से मुझसे दोस्ती करने का पाप कर दोगे.


Plz maaf kar do.






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